SC and ST Welfare Scheme Bihar | THE SC & ST WELFARE DEPT BIHAR SCHEMES
Post’s Name : – SC and ST Welfare Scheme Bihar | THE SC & ST WELFARE DEPT BIHAR SCHEMES
OBJECTIVES OF THE SC & ST WELFARE DEPT BIHAR SCHEMES : विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनु०जाति एवं अनु०जनजाति के लोगों का सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास करना।
बिहार कार्यपालिका नियमावली, 1979 में संशोधन करते हुए निम्नलिखित विषयों का कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण करने हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया हैः-
1. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रावास खोलना और बनाना
2. अनुसूचित जनजाति के छात्रों को वृत्तिकाएँ और पुस्तक अनुदान देना
3. अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए काम करने वाली शैक्षिक संस्थाओं और समितियों को सहायता 4. अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों विकास के लिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराना
5. अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएँ
6. समेकित जनजाति विकास कार्यक्रम
7. अनुसूचित जनजातियों के लिए गृह-निर्माण योजनाएँ 8. मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
9. मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना
10. खाद्यान्न आपूर्ति योजना
11. अनुसूचित जनजाति के छात्रों को वृत्तिकाएँ और पुस्तक अनुदान देना
12. अनुसूचित जाति के छात्रों को वृत्तिका प्रदान करना 13. अनुसूचित जाति के छात्रों को पुस्तकों तथा उप-साधनों के लिए अनुदान
14. अनुसूचित जाति के सदस्यों के विकास के लिये उन्हें ऋण उपलब्ध कराना।
15. अनुसूचित जाति के लिए छात्रावास खोलना तथा उसका प्रबंधन करना।
16. अनुसूचित जाति की सिविल नियोग्यताओं को हटाना और बिहार हरिजन (सिविल नियोग्यता अपनयन) अधिनियम, बिहार हरिजन (रिमूवल ऑफ डिलेबिलीटीज ऐक्ट) तथा अनुसूचित जातियों से संबंधित अन्य अधिनियमों का प्रशासन।
17. अनुसूचित जातियों की सहकारी समितियों, स्वेच्छाकारी संस्थाओं, गैरसरकारी संगठनों इत्यादि का गठन।
18. अनुसूचित जातियों के फायदे के लिए काम करने वाली शैक्षिक तथा सांस्कृतिक संस्थाओं को सहायता अनुदान।
19. अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिये अन्य योजनाओं का कार्यान्वयन।
20. अनुसूचित जातियों के लिए विशेष गृह-निर्माण योजनाएँ।
21. सभी विभागों के साथ स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान का अनुश्रवण एवं समन्वय।
22. बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम का प्रशासनिक नियंत्रण।
उपरोक्त योजनाओं का कार्यान्वयन मुख्यालय स्तर, निदेशालय स्तर, बिहार महादलित विकास मिशन, बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम लि0 तथा क्षेत्रीय स्तर पर प्रमंडलीय उप निदेशक (कल्याण), जिला कल्याण पदाधिकारी एवं प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी के माध्यम से कराया जाता है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, १९८९ क्या है?
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, १९८९, नियम-१९९५ एवं संशोधित नियम २०१६ पूरे बिहार में लागू है। यह एक केन्द्र प्रायोजित योजना है, जिसका व्यय ५०:५० के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की नियमित रुप से बैठक आहुत की जा रही है। वर्ष-२०१८ में दो बैठक क्रमश: दिनांक-२८.०४.२०१८ एवं २३.११.२०१८ को सम्पन्न की गयी हैं।
जिला स्तरीय सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का कैलेण्डर, राज्य स्तर से निर्धारित कर दिया गया है। अधिनियम-१९८९ के अंतर्गत दर्ज मामलों में सज़ा देने के दर में वृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा निम्नांकित कदम उठाये गये हैं:-
(१). प्रधान सचिव, गृह विभाग द्वारा सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस अधिनियम के तहत् दर्ज काण्डों के शीघ्र निष्पादन के लिए निर्देश दिए गये हैं साथ ही पुलिस महानिदेशक द्वारा भी सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस अधिनियम के तहत् दर्ज काण्डों के शीघ्र निष्पादन के लिए निर्देश दिए गये हैं।
(२). राज्य के सभी ४० पुलिस जिलों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए विशेष थानों की स्थापना की गयी है।
(३). दर्ज मामलों के निष्पादन के लिए राज्य के सभी जिलों में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय, विशेष न्यायालय के रुप में कार्यरत हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पटना, गया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, एवं भागलपुर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम १९८९ के अन्तर्गत लंबित वादों की संख्या के त्वरित निष्पादनार्थ अनन्य विशेष न्यायालय (Exclusive special Court) की स्थापना की स्वीकृति दी गई है।
(४). अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम- १९८९ के अन्तर्गत नियुक्त विशेष लोक अभियोजकों के कार्यों की समय-समय पर संबंधित जिला पदाधिकारी एवं महानिदेशक, अभियोजन द्वारा समीक्षा की जाती है।
विधि विभाग द्वारा इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने के लिए माननीय उच्च न्यायालय, पटना के स्तर पर भी विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की गई है।
अत्याचार के पीड़ित/ पीड़ितों के आश्रितों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।
राज्य में इस अधिनियम के तहत प्रभावित पीड़ितों को सरकारी रोजगार दिया गया है। इसके अलावा नियम-११ के तहत मामलों के सुनवाई के दौरान पीड़ित/ पीड़िता आश्रित को यात्रा भत्ता/ दैनिक भत्ता का भुगतान किया जा रहा है।
आम जनता में जागरुकता फैलाने के उदेश्य से समय-समय पर दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है तथा विशिष्ट स्थानों पर होर्डिंग लगाये गये हैं। साथ ही साथ फिल्म एवं लिफलेट के माध्यम से भी जागरुकता फैलाने का कार्य किया जाता है।
पुलिस पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने हेतु प्रशिक्षण / कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
अत्याचार पीड़ितों की सहायता के लिए टॉल फ्री नं०- “सहायता” १८००३४५६३४५ कार्यरत है।
Bihar Mahadalit Vikas Mission के बारे में आप क्या जानते है?
भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्व में प्रावधान किया गया है कि राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनायेगा (अनुच्छेद 38), अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गो कें शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि करेगा (अनुच्छेद 46)
उपर्युक्त प्रावधानों के आलोक में राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के शैक्षणिक सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए कई योजना संचालित की गई है। परंतु पिछले 60 वर्षो का अनुभव यह रहा है कि अनुसूचित जाति का एक बड़ा तबका इन योजनाओं से बिल्कुल ही अछुता रह गया है। संविधान के प्रावधान के आलोक में सरकार का यह दायित्व बनता है कि विकास की धारा से अछूते रह गए अनुसूचित जाति में चिन्हित तबके के लिए विशेष योजना तैयार की जाए।
इसी पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने अपने अधिसूचना संख्या 11 वी 01-विविध-17/2007 का 02950/ पटना 15 दिनांक 30/08/2007 को अनुसूचित जातियों में महादलितों में शैक्षणिक सामाजिक आर्थिक आदि सभी क्षेत्रों में सम्यक विकास हेतु अनुशंसा करने के लिए राज्य महादलित आयोग बिहार का गठन किया था।
राज्य महादलित आयोग ने अपने प्रथम अंतरिम प्रतिवेदन में बिहार महादलित विकास मिशन के निर्माण का सुझाव राज्य सरकार को दिया था। राज्य सरकार द्वारा इस आलोक में बिहार महादलित विकास मिशन का गठन 07/04/2008 को किया गया।
बिहार महादलित विकास मिशन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत एक स्वायत इकाई है जिसका निबंधन संस्थाओं के निबंधन एक्ट 1860 के तहत करवाया गया है। माननीय मुख्यमंत्री बिहार को बिहार महादलित विकास मिशन का अध्यक्ष गया कालांतर में मिशन की आम सभा द्वारा विकास आयुक्त को मिशन का अध्यक्ष नामित किया गया।
Bihar Mahadalit Vikas Mission के विजन क्या हैं?
सभी महादलितों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाते हुए समाज निर्माण में उनकी पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करना।
Bihar Mahadalit Vikas Mission उद्देश्य एवं कार्य क्या है?
1. महादलित बस्तियों एवं महादलितों का सर्वक्षण कराकर उनके विकास की कार्य योजना तैयार करना
2. महादलितों के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करना।
3. महादलितों को आवासीय भूमि का आवंटन सुचिश्चित कराना।
4. सम्मान योग्य जीवन जीने के अधिकार (right to live with dignity) को सुचिश्चित करने के लिए आवास पेयजल शौचालय इत्यादि मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
5. आंगनबाड़ी स्कूली शिक्षा जीवन कौषल एवं रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण की एक संरचना तैयार करना।
6. सरकारी एवं निजी नौकरियों में महादलितों की भागीदारी बढ़ाने के लिए योजना तैयार कर कार्यान्वित करना।
7. महादलित टोले को ग्रामीण सड़क से जोड़ने के लिए पहल करना।
8. महादलितों की सांस्कृतिक पहचान बनाने के लिए उनके टोले में आधाभूत संरचना यथा सामुदायिक भवन का निर्माण करना तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
9. महादलित परिवारों एवं समुदायों को रेडियो की सुविधा उपलब्ध कराना तथा सामुदायिक रेडियो के स्थापना की पहल करना।
10. महादलितों की समस्याओं के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं में समन्वय करना।
11. गैर सरकारी एवं समुदाय आधारित संस्थाओं के साथ समन्वय कर नवाचारी योजनाओं को लागू करना।
12. सभी प्रकार की योजनाओं हेतु संसाधनों का आकलन करना एवं योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु पर्याप्त धन की वयवस्था करना।
13. योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु समर्पित एवं सक्षम पदाधिकारियों का संवर्ग तैयार करना जिसमें महादलितों की महत्वपूर्ण भूमिका हो।
14. महादलितों के बीच विकास मित्र का एक संवर्ग के द्वारा सरकार तथा समुदाय के बीच में एक कड़ी तैयार करना।
15. राज्य सरकार द्वारा दिए गए अन्य कार्यों का कार्यान्वयन।
राज्यस्तरीय मिशन के प्रबंधन एवं अनुश्रवण हेतु गठित आम सभा एवं कार्यकारिणी समिति के साथ त्रिस्तरीय कार्यालय का निर्माण किया गया है। प्रथम स्तर पर राज्य मिशन कार्यालय द्वितीय स्तर पर जिला मिशन कार्यालय एवं तृतीय स्तर पर प्रखंड मिशन कार्यालय का गठन मंत्रीपरिषद की स्वीकृति के उपरांत किया गया है। पंचायत एवं वार्ड (शहरी) स्तर पर मिशन एवं महादलित समुदाय के बीच विकास मित्र कार्य कर रहें हैं। इस प्रकार मिशन राज्य स्तर से पंचायत वार्ड (शहरी) स्तर तक अपनी संरचना के द्वारा महादलित विकास का कार्य कर रहा है।
Bihar Mahadalit CAST LIST “SC & ST”
SC = Scheduled Castes “अनुसूचित जाति” लगभग 22 जातियाँ जो निम्न है।
SC = Scheduled Castes “अनुसूचित जाति” लगभग 22 जातियाँ जो निम्न है। | ST = Scheduled Tribes “अनुसूचित जनजाति” लगभग 29 जातियाँ जो निम्न है। |
1. बन्तार 2. बौरी 3. भोगता 4. भुईया 5. चमार, मोची 6. चौपाल 7. दबगर 8. धोबी 9. डोम, धनगड 10. दुसाध, धारी, धारही 11. घासी 12. हलालखोर 13. हरि, मेहतर, भंगी 14. कंजर 15. कुररियार 16. लालबेगी 17. मुसहर 18. नट 19. पान, स्वासी 20. पासी 21. रजवार 22. तुरी | 1. असुर,अगरिया 2. बैगा 3. बेदिया 4. बिनझिया 5. बिरहोर 6. बिरजिया 7. चेरो 8. चिकबरैक 9. गोंड 10. गोरेत 11. हो 12. करमाली 13. खरिया, धेलकी खरिया, दूध खरिया, हिल खरिया 14. खरवार 15. खोंड 16. किसान, नगेसिया 17. कोरा, मुदी- कोरा 18. कोरवा 19. लोहार, लोहरा 20. माहली 21. माल पहाडिया, कुमारभग पहाडिया 22. मुण्डा, पतार 23. धांगर/धनगर (उराँव) 24. परहैया 25. संताल 26. सौरिया पहाडिया 27. सावर 28. कवार 29. कोल |
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